विदेश में करियर कैसे बनाएँ। career after study abroad

दोस्तों, भाइयों और बहनों क्या आप भी विदेश में पढ़ाई करने के बारे में सोच रहें हैं पर विदेश में पढ़ाई कैसे करें, इस बारे में पूरी जानकारी ना होने से आप थोड़ा कन्फ़्यूज़ हैं की यह पूरी प्रक्रिया कैसे होगी तो बिलकुल भी टेन्शन मत लीजिए क्यूँकि आप बिलकुल सही जगह पर आएँ हैं।

आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं Career after study abroad in Hindi, विदेश में पढ़ाई करने के फ़ायदे, आपको विदेश में पढ़ाई करने से क्या फ़ायदे होंगे और विदेश में पढ़ाई करने का कितना खर्च आता है? ऐसे ही बहुत सारे तथ्य हम आपको बताने वाले हैं अपने आज के इस career making article के ज़रिए तो इस article को पूरा पढ़िए जिस से आपसे कोई भी जानकारी छूट ना जाय।

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विदेश में पढ़ाई करने के  क्या फ़ायदे होते हैं:-

आपने ये ज़रूर देखा या सुना होगा की हमारे देश के जो सबसे बुद्धिमान युवा हैं वो बहुत तेज़ी से विदेशों की तरफ़ अपना रूख कर रहें हैं। चाहे वो छात्र हों, रीसर्चर हों, मोटिवेशनल स्पीकर हों, साययंटिस्ट हों या फिर कलाकार हों, तो ऐसा क्या है विदेश में जिसकी वजह से इतनी भरी संख्या में लोग विकसित देशों की तरफ़ जा रहें हैं।
 
चूँकि यह लेख पूरी तरह से छात्रों के लिए है तो हम केवल छात्रों के बारे में बात करेंगे। अगर शैक्षिक दृष्टिकोण से देखा जाय तो ऐसी बहुत सी बातें हैं जो भारतीय छात्रों को विदेश में शिक्षा लेने को प्रेरित करती हैं।
आइए इसको विस्तार से समझते हैं।
 
 

आसान अड्मिशन प्रक्रिया (easy admission process):-

भारत के बड़े शैक्षिक संस्थानों जैसे- IIT, IIM या किसी भी मेडिकल कॉलेज के लिए करवायी जाने वाली प्रवेश परीक्षाएँ अत्यधिक प्रतिस्पर्धी होती हैं। इस गला काट प्रतियोगिता के पीछे कहीं ना कहीं अपने देश में बढ़ती जनसंख्या और बेरोज़गारी भी है।
 
 
वहीं अगर बात करें विदेशों के colleges में अड्मिशन की तो भारत के तुलना में वहाँ इतनी अधिक प्रतिस्पर्धा नहीं होती है। इसके लिए मात्र आपको अंग्रेज़ी भाषा का अच्छा ज्ञान हो और आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी होनी चाहिए जिस से आप वहाँ के ख़र्चों को वहन कर पाएँ।
 
 

छात्रों के लिए अधिकतम विकल्प की सुविधा (Multiple career options for students):-

India के तुलना में विदेशी colleges में छात्रों को बहुत से अधिक career विकल्प की सुविधा मिलती है। इन colleges में हमारे यहाँ के लोकप्रिय स्ट्रीम STEM (साइयन्स, टेक्नॉलजी, एंजिनीरिंग और मैथ्स) के अलावा बहुत से और नए career विकल्पों को चुन ने का मौक़ा आपको मिलता है।
 
 
साथ ही साथ विदेशों में बहुत से कम लोकप्रिय पाठ्यक्रमों और कोर्सेज़ में भी क्वालिटी एजुकेशन दी जाती हैं तो इन सारी बातों की वजह से भारतीय छात्रा अपनी शिक्षा विदेशों में लेने के बारे में सोचते हैं।
 

अच्छी शैक्षिक गुणवत्ता ( better education quality):-

अगर एक तरह से देखा जाय तो भारत के सबसे उच्च शैक्षिक संस्थानों में भी international स्तर के शैक्षिक मानदंडों को पूरा नहीं किया जाता है।
वैसे अब भारतीय शैक्षिक संस्थानों में भी धीरे- धीरे इन मानदंडों को पूरा करने की कोशिश की जा रही है पर फिर भी यहाँ प्रैक्टिकल और थीअरेटिकल स्टडीज़ के बीच अभी भी बहुत अंतर है।
 
 
यहाँ पर थियरी पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है। वहीं विदेशों में अनुभवात्मक शिक्षा पर ज़्यादा ज़ोर दिया जाता है जिस से छात्रों को उनके विषयों में अधिक रुचि उत्पन्न होती है।
 

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Research के छात्रों के लिए बेहतर अवसर और सुविधाएँ:-

अगर research के अवसरों की बात की जाए, तो भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान अपने समकक्षों से काफ़ी पीछे हैं। भारत में डॉक्ट रेट कार्यक्रमों के लिए अभी भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। इन कारणों से अभी भी बहुत से छात्र चाहकर भी और टैलेंट होने पर भी पर्याप्त आर्थिक सहायता के अभाव में research नहीं कर पाते।
 
 
विदेशी universties को रेसीर्च के लिए काफ़ी वित्तीय सहायता प्राप्त होती है। साथ ही साथ इन colleges में research और development पर अच्छे से ध्यान दिया जाता है।
 

जॉब और career के लिए अधिक सम्भावनाएँ:-

एक विदेशी कॉलेज अथवा यूनिवर्सिटी से प्राप्त डिग्री किसी भी candidate के resume में ज़्यादा वैल्यू add करती है। इस तरह हम ये कह सकते हैं की किसी विदेशी university से पढ़ाई करने वाले छात्र को indian university के छात्र से अधिक प्राथमिकता दी जाती है।

 
 
इस तरह से विदेश में पढ़े छात्रों को जॉब के अवसर और सैलरी package अच्छा मिलने की सम्भावनाए अधिक होती हैं।
 
 

विदेश में बसने की सुविधा:-

किसी भी विदेशी यूनिवर्सिटी से पास होने के बाद छात्रों को उसी देश में रहने की सुविधा भी मिल सकती है, ऐसा सोचकर भी बहुत से स्टूडेंस विदेश से पढ़ाई करने के बारे में सोचते हैं।
कुछ देश जैसे अमेरिका और कनाडा में पढ़ाई पूरी होने के बाद वहीं पर रोज़गार तलाश करने और बस जाने के लिए वहाँ की सरकारों द्वारा प्रोत्साहन दिया जाता है।
 

इन देशों में मिलती है भारतीय छात्रों को सबसे अधिक सुविधाएँ:-

विदेशों में पढ़ाई करने के इच्छुक बहुत से छात्र और छात्राएँ अपने पसंदीदा अध्ययन स्थल का चुनाव बहुत ही सावधानी से करते हैं। परम्परागत तौर पर अमेरिका, ब्रिटेन, australia जैसे देशों को ज़्यादातर छात्र चुनते हैं, पर अभी कुछ सालों में इन देशों के अलावा भी कई अन्य देशों को पढ़ाई के लिए चुना जा रहा है, तो आइए देखते हैं।
 

USA (United State of America):-

संयुक्त राज्य अमेरिका हमेशा से विदेश से पढ़ाई करने वालों स्टूडेंट्स में लोकप्रिय रहा है। भारतीय छात्र सबसे ज़्यादा इसी देश से अपनी शिक्षा पूरी करने की ख्वाहिश रखते हैं। 
अमेरिका की हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी, स्टैन्फ़र्ड यूनिवर्सिटी, प्रिंसटन और MIT जैसे विश्वविद्यालय पूरी दुनिया में अपनी उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षा प्रणाली के लिए प्रसिद्ध हैं।

कनाडा:-

कनाडा को भारतीय छात्रों द्वारा पढ़ाई के लिए दूसरे स्थान पर प्राथमिकता दी जाती है। यहाँ पर उच्च गुणवत्ता, सस्ती शिक्षा लागत और सुरक्षित वातावरण इस देश को छात्रों की पसंद बनाती है।

जर्मनी:-

अपने विशेष गुणवत्ता और किफ़ायती शिक्षा प्रणाली के वजह से अब भारतीय छात्र जर्मनी को भी शिक्षा के लिए एक प्रमुख स्थान का दर्जा देने लगे हैं।
जर्मन विश्वविद्यालयों में खर्च बहोत ही नाम मात्रा का होता है और छात्रों को फ़्री ट्यूशन भी मुहैया कराया जाता है साथ ही साथ यहाँ के यूनवर्सटीज़ से प्राप्त डिग्री को इंटर्नैशनल स्तर का दर्जा दिया जाता है।
 
 

Australia-

ऑस्ट्रेल्या हमेशा से भारतीय छात्रों के अध्ययन के लिए एक प्रमुख पसंदीदा स्थान है। यहाँ की उच्च शिक्षा प्रणाली विश्व स्तर पर मानी जाती है। यहाँ के विश्विद्यालयों में ऐकडेमिक कोर्सेज़ के साथ – साथ बहुत सारे प्रफ़ेशनल कोर्सेज़ भी करवाए जाते है।

शोध के छात्रों को यहाँ पर बहुत ही बेहतरीन सुविधाएँ दी जाती हैं, तो इन कारणों से ऑस्ट्रेल्या भारतीय छात्रों के लिए चुना जाने वाला प्रमुख देश है।
 

न्यूज़ीलैंड:-

न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेल्या के बग़ल में बसा एक बहुत ही छोटा सा देश है जो एक छोटे से द्वीप पर बसाया गया है। पिछले १० सालों में यह देश शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय छात्रों की पसंद बनकर उभरा है।
विश्व की बेस्ट यूनवर्सटीज़ की 500 यूनवर्सटीज़ में न्यूज़ीलैंड के 8 यूनवर्सटीज़ आती हैं। इस तरह से यह बात साबित हो जाती है की इस देश की शिक्षा भी वैश्विक स्तर के शिक्षा के मानदंडो को पूरा करती है।
 

विदेश में पढ़ाई करने के लिए योग्यता:-

विदेश में पढ़ाई शुरू करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही ज़रूरी होता है। विदेश में पढ़ाई करने से पहले आपको कुछ परीक्षाओं को पास करना महत्वपूर्ण होता है, जिसके बारे में हम आपको आगे बताने जा रहें हैं।
 
 

IELTS (आई एल ई टी एस) परीक्षा:-

IELTS जिसका फ़ुल फ़ॉर्म होता है International English Language Testing System। यह विदेशी colleges में पढ़ने के लिए इंग्लिश भाषा की दक्षता (eligibility) परीक्षा होती है। इस परीक्षा के द्वारा विदेश में पढ़ाई के लिए जाने की तैयारी करने वाले छात्रों की अंग्रेज़ी लिखने, पढ़ने, सुनने और बोलने की योग्यता की जाँच की जाती है।
 
 
अमेरिका, एंग्लैंड और कनाडा जैसे देशों में पढ़ाई के लिए जाने वाले छात्रों को यह परीक्षा पास करनी पड़ती है। इस परीक्षा को पास करने के लिए आपको इसमें अच्छा स्कोर करना पड़ता है। अगर पहले प्रयास में आप इस परीक्षा को पास नहीं कर पाए तो कोई बात नहीं इसको आप दोबारा भी कई बार exam में शामिल होकर अपना स्कोर अच्छा कर सकते हैं।
 
 

TOFEL(टोफ़ेल):-

यह भी एक प्रकार की अंग्रेज़ी दक्षता की जाँच पर आधारित परीक्षा होती है। दुनिया में 9000 से अधिक कॉलेज, यूनिवर्सिटी में अंग्रेज़ी भाषा में योग्यता के लिए TOFEL को प्रामाणिक माना जाता है।
 
 
यह परीक्षा अमेरिका के एक ग़ैर लाभकारी संगठन परीक्षा शैक्षणिक सेवा द्वारा आयोजित करवाया जाता है।
 
 

GRE (जी आर ई) परीक्षा:-

GRE जिसका फ़ुल फ़ॉर्म Graduate Record Examination होता है। यह एक प्रकार का टेस्ट होता है। दुनिया में बहुत से ऐसे प्रसिद्ध कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं जो इस परीक्षा में पास होने वाले छात्र को अपने यहाँ प्रवेश देने के लिए योग्य मानते हैं।
 

GMAT (जी मैट):-

यह परीक्षा वैश्विक स्तर पर स्वीकृत एक MBA में प्रवेश के लिए परीक्षा है। इस परीक्षा के माध्यम से MBA के छात्रों को स्क्रीनिंग और प्रवेश परीक्षा के लिए चुना जाता है।
 
 
GMAT की परीक्षा ऑनलाइन होती है जिसके माध्यम से छात्रों के मात्रात्मक, विश्लेशनतमक लेखन और मौखिक टेस्ट के साथ MBA में प्रवेश के लिए टेस्ट लिया जाता है।
 
 
 

Indian स्टूडेंट्स विदेशों में अपने लिए सही कॉलेज या कोर्स कैसे चुने:-

यदि आप विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं तो आपको यह पता होना बेहद ज़रूरी हो जाता है की कौन सा कॉलेज और कौन सा कोर्स आपके लिए सही साबित होगा।
 
 
आप कुछ बातों को ध्यान में रखकर यह निर्धारित कर सकते हैं की कौन सा कॉलेज या कोर्स आपके लिए अच्छा होगा इन बातों को हम नीचे आपको बताने जा रहे हैं।
 
 

भाषा:-

यदि आप विदेश में हैं तो सबसे ज़्यादा जो स्किल आपके काम आएगी वो है भाषा ज्ञान का। आप जिस भी देश में अपनी पढ़ाई पूरी करनी चाहते हैं, कोशिश करें कि इंग्लिश के साथ- साथ आपको वहाँ की नेटिव भाषा की भी थोड़ी बहुत जानकारी हो जिस से आप अपने teachers और आस- पास के लोगों के साथ अच्छा ताल मेल बना पाएँगे।
 

कोर्सेज़:-

विदेश में शिक्षा लेने से पूर्व यह निर्धारित कर लें की आप किस कोर्स की पढ़ाई करने वाले है। ऐसा करने से आपकी आधी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी। आपको बस अपने कॉलेज का चुनाव करना ही बाक़ी रह जाएगा।
 
 

विदेश में पढ़ाई करने का खर्च:-

आपके एजुकेशन कास्ट में कोर्स की फ़ीस, tution fee, रहना, खाना, स्टूडेंट वीज़ा इत्यादि सहित काफ़ी खर्चे होते हैं। ध्यान रहे की जिस देश में आप अपनी शिक्षा ग्रहण करने जा रहें हैं। वहाँ के आवास और खाने – पीने जैसी बेसिक ज़रूरतों के बारे में आपको पता हो।
 
 

अंत में:-

हम आशा करते हैं की आपको हमारा यह article विदेश में पढ़ाई कैसे करें पूरी जानकारीcareer after study abroad पसंद आया हो। हमने इस लेख के माध्यम से आपको विदेश में पढ़ाई करने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए, विदेश में पढ़ाई करने पर कितना खर्च आता है इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया है। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया तो कृपया इसे सोशल मीडिया पर share करें। लेख से सम्बंधित किसी भी प्रकार के सुझाव के लिए आप हमें कॉमेंट करके बता सकते हैं। धन्यवाद 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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